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आमतौर पर जिन विद्यार्थियों की इंजीनियरिंग के प्रति ललक है, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे महंगे कॉलेजों में नियमित रूप से अध्ययन कर सकें, उनके लिए डिप्लोमा कोर्सेज आशा की किरण हैं। इसके सहारे वे काम करते हुए अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सकते हैं और मेहनत व लगन से उन्नति के कई रास्ते तय कर सकते हैं।
डिप्लोमा क्या है?
डिप्लोमा शब्द ग्रीक भाषा से आया है और इसका सरल अर्थ होता है ‘शैक्षणिक संस्था द्वारा प्रदान किया गया सर्टिफिकेट’। डिप्लोमा कोर्स करने के बाद एडवांस डिप्लोमा और डिग्री भी की जा सकती है। भारत में लगभग 190 से भी अधिक डिप्लोमा कोर्सेज हैं। यहां कुछेक कोर्सेज का जिक्र है जो भविष्य के लिहाज से आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर क्षेत्रों में सबसे पहला नाम ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का ही आता है। इस क्षेत्र में बड़े-बड़े उद्योगों के साथ अनेक छोटे-छोटे उद्योग भी जुड़ते जा रहे हैं जो बड़ी इकाइयों के लिए पार्ट्स व अन्य सामग्रियां तैयार कर उपलब्ध करवाते हैं। इसके साथ ही शो रूम व अन्य शॉपिंग मॉल में भी मार्केटिंग के लिए इंजीनियरों की ही नियुक्ति की जाती है। अत: स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में रोजगार के ढेरों विकल्प मौजूद हैं।
सिरामिक टेक्नोलॉजी
सिरामिक टेक्नोलॉजी से जुड़ी अनेक शाखाएं हैं और देश मंे कई जगहों पर इस उद्योग का विकास तेजी से हो रहा है। इस क्षेत्र में आप टाइल्स, इलेक्ट्रिक इंस्युलेटर, क्रॉकरी बनाने वाली कंपनियों मंे रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा स्वरोजगार का विकल्प भी अपनाया जा सकता है।
कॉस्ट्यूम डिजाइन और ड्रेस मेकिंग
फैशन उद्योग भी आज देश का तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है। गारमेंट्स एक्सपोर्ट व फैशन के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान के कारण देश में विदेशी फैशन हाउसेज भी तेजी से खुलते जा रहे हैं। इसी कारण इस क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। चूंकि इस क्षेत्र में अब स्पेशलाइज्ड कर्मचारियों की मांग ज्यादा होने लगी है इसलिए कॉस्ट्यूम डिजाइन और ड्रेस मेकिंग के कोर्स करने के बाद आप जल्द ही रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
केमिकल टेक्नोलॉजी
केमिकल इंडस्ट्रीज में ऑपरेशंस और मेंटेनेंस में डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है। इस क्षेत्र में निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं, इसीलिए इस क्षेत्र में मैनपावर की मांग बढ़ती जा रही है।
सिविल इंजीनियरिंग
वर्तमान में देश में तेजी से विकास हो रहा है। सड़क, बांध, पुल आदि कार्य लगभग पूरे देश में ही हो रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में भी कुशल इंजीनियरों की मांग में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। सिविल इंजीनियरिंग में भी आपके लिए ढेरों विकल्प मौजूद हैं। अपनी रुचि अनुसार आप किसी भी क्षेत्र का चयन कर सकते हैं।
बायो-मेडिकल इंजीनियरिंग
बायो-मेडिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र मेडिकल इक्विपमेंट बनाता है, जिसका उपयोग अस्पताल और रिसर्च करने वाली संस्थाओं में होता है। मेडिकल साइंस देश में एक उभरता हुआ क्षेत्र है और मेडिकल टूरिज्म के बढ़ते चलन के कारण इस क्षेत्र का लगातार विकास हो रहा है। बायो मेडिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स की बहुत मांग है। इसके अलावा इक्विपमेंट्स की देखरेख के लिए भी इंजीनियर्स की नियुक्ति की जाती है।
कॉमर्शियल आर्ट्स
उद्योग और व्यवसाय के विकास में कॉमर्शियल आर्ट्स की आवश्यकता बढ़ रही है। बतौर कॉमर्शियल आर्टिस्ट कई लोग एक साथ कार्य कर अपना व्यवसाय भी प्रारंभ कर सकते हैं।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग
दुनिया भर में आज कंप्यूटर का उपयोग द्रुत गति से बढ़ता ही जा रहा है। इसीलिए इस क्षेत्र में कुशल इंजीनियर्स की मांग में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी के अवसर तो मौजूद हैं ही, साथ ही आप बहुत कम लागत पर अपना खुद का व्यवसाय भी खड़ा कर सकते हैं। सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर इंजीनियर की मांग तो लगभग हर व्यवसाय में ही होने लगी है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी विकास के ढेरों अवसर मौजूद हैं। मसलन इलेक्ट्रिक उपकरणों का निर्माण करने वाली कंपनियां, केमिकल, टेक्सटाइल, पेट्रो-केमिकल जैसे क्षेत्रों में डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स की मांग लगातार बनी रहती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और टेली कम्यु.
रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन इंडस्ट्रीज में उत्पादन और साज-संभाल जैसे कार्य डिप्लोधारी इंजीनियर के द्वारा ही किए जाते हैं। स्पष्ट है कि इन क्षेत्रों का विकास भी बड़े पैमाने पर जारी है, जिसके लिए इंजीनियरों की मांग में बढ़ोतरी होते रहना भी लाजिमी है। एन्वायर्नमेंट इंजीनियर
विकास के साथ-साथ आज लगभग सभी देशों ने पर्यावरण की रक्षा व साज-संभाल की दिशा में भी ध्यान देना शुरू कर दिया है, साथ ही इसके लिए सभी तरह के वैज्ञानिक प्रयोग व आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। इसी वजह से इन उपकरणों के उत्पादन व उनके साज-संभाल के कार्य के लिए कुशल इंजीनियर्स की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। अत: इस क्षेत्र में आप पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ अपने कॅरियर को भी संवार सकते हैं। इसके अलावा फेब्रिकेशन टेक्नोलॉजी, होम साइंस, होटल मैनेजमेंट और कैटरिंग टेक्नोलॉजी, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इंस्ट्रुमेंटेशन और कंट्रोल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, माइनिंग इंजीनियरिंग, पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग, प्लास्टिक इंजीनियरिंग, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कोर्सेज कर भी आप उन्नति के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

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