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नेटवर्किंग क्या है?  (What is Networking?)

नेटवर्किंग के द्वारा दो या दो से अधिक डिवाइस को आपस में कनेक्ट किया जाता हैं ताकि उनके बीच डाटा और जानकारी को शेयर किया जा सके| Network से जुड़ने के लिए Router का उपयोग किया जाता है


Network बनाने के लिए Switches, Network की सुरक्षा के लिए Firewall, Network पर कॉल करने के लिए IP Phones और Network में सुरक्षित टनल बनाने के लिए VPN की आवश्यकता होती हैं|

















नेटवर्क क्या है ? (What is Network)
नेटवर्क कंप्यूटर, सर्वर, मेनफ्रेम, नेटवर्क डिवाइस या एक दूसरे से जुड़े हुए अन्य उपकरणों का एक संग्रह है जो आपस में डाटा साझा करने की अनुमति प्रदान करता है। 

नेटवर्क का एक उत्कृष्ट उदाहरण इंटरनेट है, जो पूरे विश्व में लाखों लोगों को जोड़ता है|

नेटवर्क उपकरणों के उदाहरण (Examples of network devices)

  • डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, मेनफ्रेम और सर्वर
  • कंसोल और थिन क्लाइंट (Thin Client)
  • फायरवॉल
  • ब्रिजस (Bridges)
  • रिपीटर (Repeaters)
  • नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड
  • स्विचेस, केंद्र, मॉडेम और रूटर
  • स्मार्टफोन और टैबलेट
  • वेबकैम

नेटवर्क टोपोलॉजी और नेटवर्क के प्रकार 

(Network Typologies and its types)

टोपोलॉजी (Topology)

टोपोलॉजी नेटवर्क की आकृति या लेआउट को कहा जाता है | नेटवर्क के विभिन्न नोड किस प्रकार एक दुसरे से जुड़े होते है तथा कैसे एक दुसरे के साथ कम्युनिकेशन स्थापित करते है, उस नेटवर्क को टोपोलॉजी ही निर्धारित करता है टोपोलॉजी फिजिकल या लौजिकल होता है|Computers को आपस में जोडने एवं उसमें डाटा Flow की विधि टोपोलॉजी कहलाती है। टोपोलॉजी किसी नेटवर्क में कम्प्यूटर के ज्यामिति व्यवस्था (Geometric arrangement) को कहते है |

नेटवर्क टोपोलॉजी सामान्यत: निम्नलिखित प्रकार की होती है:-
  1. रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology)
  2. बस टोपोलॉजी (Bus Topology)
  3. स्टार टोपोलॉजी (Star Topology)
  4. मेश टोपोलॉजी (Mesh Topology)
  5. ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology)

रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology) :

इस कम्प्यूटर में कोई होस्ट, मुख्य या कंट्रोलिंग कम्प्यूटर नही होता | इसमें सभी कम्प्यूटर एक गोलाकार आकृति में लगे होते है प्रत्येक कम्प्यूटर अपने अधीनस्थ (Subordinate)  कम्प्यूटर से जुड़े होते है, किन्तु इसमें कोई भी कम्प्यूटर स्वामी नही होता है | इसे सर्कुलर (Circular) भी कहा जाता है |


रिंग नेटवर्क (Ring Network) में साधारण गति से डाटा का आदान-प्रदान होता है तथा एक कम्प्यूटर से किसी दुसरे कम्प्यूटर को डाटा (Data) प्राप्त करने पर उसके मध्य के अन्य कंप्यूटरो को यह निर्धारित करना होता है कि उक्त डाटा उनके लिए है या नही | यदि यह डाटा उसके लिए नही है तो उस डाटा को अन्य कम्प्यूटर में आगे (Pass) कर दिया जाता है |

लाभ (Advantages) –

  • यह नेटवर्क अधिक कुशलता से कार्य करता है, क्योकि इसमें कोई होस्ट (Host) यह कंट्रोलिंग कम्प्यूटर (Controlling Computer) नही होता |
  • यह स्टार से अधिक विश्वसनीय है, क्योकि यह किसी एक कम्प्यूटर पर निर्भर नही होता है |
  • इस नेटवर्क की यदि एक लाइन या कम्प्यूटर कार्य करना बंद कर दे तो दुसरी दिशा की लाइन के द्वारा काम किया जा सकता है |

हानि (Disadvantages) –

  • इसकी गति नेटवर्क में लगे कम्प्यूटरो पर निर्भर करती है | यदि कम्प्यूटर कम है तो गति अधिक होती है और यदि कंप्यूटरो की संख्या अधिक है तो गति कम होती है |
  • यह स्टार नेटवर्क की तुलना में कम प्रचलित है, क्योकि इस नेटवर्क पर कार्य करने के लिए अत्यंत जटिल साफ्टवेयर की आवश्यकता होती है |

बस टोपोलॉजी (Bus Topology)

बस टोपोलॉजी (Bus Topology) में एक ही तार (Cable) का प्रयोग होता है और सभी कम्प्यूटरो को एक ही तार से एक ही क्रम में जोड़ा जाता है | तार के प्रारम्भ तथा अंत में एक विशेष प्रकार का संयंत्र (Device) लगा होता है जिसे टर्मिनेटर (Terminator) कहते है | इसका कार्य संकेतो (Signals) को नियंत्रण करना होता है |

लाभ (Advantages) –

  • बस टोपोलॉजी को स्थापित (Install) करना आसान होता है
  • इसमें स्टार ट्री टोपोलॉजी की तुलना में कम केबिल उपयोगी होता है |

हानि (Disadvantages) –

  • किसी एक कम्प्यूटर की खराबी से सारा डाटा संचार रुक जाता है |
  • बाद में किसी कम्प्यूटर को जोड़ना अपेक्षाकृत कठिन है |

स्टार टोपोलॉजी (Star Topology)

इस नेटवर्क में एक होस्ट कम्प्यूटर होता है जिसे सीधे विभिन्न लोकल कंप्यूटरो से जोड़ दिया जाता है | लोकल कम्प्यूटर आपस में एक-दुसरे से नही जुड़े होते हैं इनको आपस में होस्ट कम्प्यूटर द्वारा जोड़ा जाता है | होस्ट कम्प्यूटर द्वारा ही पूरे नेटवर्क को कंट्रोल किया जाता है |


लाभ (Advantages) –
  • इस नेटवर्क टोपोलॉजी में एक कम्प्यूटर से होस्ट (Host) कम्प्यूटर को जोड़ने में लाइन बिछाने की लागत कम आती है|
  • इसमें लोकल कम्प्यूटर की संख्या बढाये जाने पर एक कम्प्यूटर से दुसरे कम्प्यूटर पर सूचनाओ के आदान-प्रदान की गति प्रभावित नही होती है, इसके कार्य करने की गति कम हो जाती है क्योकि दो कम्प्यूटर के बीच केवल होस्ट (Host) कम्प्यूटर ही होता है|
  • यदि कोई लोकल कम्प्यूटर ख़राब होता है तो शेष नेटवर्क इससे प्रभावित नही होता है|

हानि (Disadvantages) –

  • यह पूरा तंत्र होस्ट कम्प्यूटर पर निर्भर होता है | यदि होस्ट कम्प्यूटर ख़राब हो जाय तो पूरा का पूरा नेटवर्क फेल हो जाता हैं |

मेश टोपोलॉजी (Mesh Topology)

मेश टोपोलॉजी को मेश नेटवर्क (Mesh Network) या मेश भी कहा जाता है | मेश एक नेटवर्क टोपोलॉजी है जिसमे संयंत्र (Devices) नेटवर्क नोड (Nodes) के मध्य कई अतिरिक्त अंत: सम्बन्ध (Interconnections) से जुड़े होते है | अर्थात मेश टोपोलॉजी में प्रत्येक नोड नेटवर्क के अन्य सभी नोड से जुड़े होते है |
मेश टोपोलॉजी में सारे कंप्यूटर कही कही एक दूसरे से जुड़े रहते हैं और एक दूसरे से जुड़े होने के कारण ये अपनी सूचनाओ का आदान प्रदान आसानी से कर सकते हैं | इसमें कोई होस्ट कंप्यूटर नहीं होता हैं|

 ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology)

ट्री टोपोलॉजी में स्टार तथा बस दोनों टोपोलॉजी के लक्षण विधमान होते है | इसमें स्टार टोपोलॉजी की तरह एक होस्ट कंप्यूटर होता है और बस टोपोलॉजी की तरह सारे कंप्यूटर एक ही केबल से जुड़े रहते हैं | यह नेटवर्क एक पेड़ के समान दिखाई देता हैं |

लाभ (Advantages) –
  • प्रत्येक खण्ड (Segment) के लिए प्वाइन्ट तार बिछाया जाता है |
  • कई हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर विक्रेताओ के द्वारा सपोर्ट किया जाता है |

हानि (Disadvantages) –

  • प्रत्येक खण्ड (Segment) का कुल लम्बाई प्रयोग में लाये गए तार के द्वारा सीमित होती है |
  • यदि बैकबोन लाइन टूट जाती है तो पूरा खण्ड (Segment) रुक जाता है |
  • अन्य टोपोलॉजी की अपेक्षा इसमें तार बिछाना तथा इसे कन्फीगर (Configure) करना कठिन होता है |




Types of Network (नेटवर्क के प्रकार)

LAN (Local Area Network) :-

इसका पूरा नाम Local Area Network है यह एक ऐसा नेटवर्क है जिसका प्रयोग दो या दो से अधिक कंप्यूटर को जोड़ने के लिए किया जाता है| लोकल एरिया नेटवर्क स्थानीय स्तर पर काम करने वाला नेटवर्क है इसे संक्षेप में लेन कहा जाता हैं| यह एक ऐसा कंप्यूटर नेटवर्क है जो स्थानीय इलाकों जैसे- घर, कार्यालय, या भवन समूहों को कवर करता है|
विशेषताये:-
  1. यह एक कमरे या एक बिल्डिंग तक सीमित रहता है |
  2. इसकी डाटा हस्तांतरित (Data Transfer) Speed अधिक होती है |
  3. इसमें बाहरी नेटवर्क को किराये पर नहीं लेना पड़ता है |
  4. इसमें डाटा सुरक्षित रहता है |
  5. इसमें डाटा को व्यवस्थित करना आसान होता है |

MAN (Metropolitan Area Network) :-

इसका पूरा नाम Metropolitan Area Network हैं यह एक ऐसा उच्च गति वाला नेटवर्क है जो आवाज, डाटा और इमेज को 200 मेगाबाइट प्रति सेकंड या इससे अधिक गति से डाटा को 75 कि.मी. की दूरी तक ले जा सकता है| यह लेन (LAN) से बड़ा तथा वेन (WAN) से छोटा नेटवर्क होता है | इस नेटवर्क के द्वारा एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ा जाता है |
इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क एक साथ जुड़े होते हैं. यह एक शहर के सीमाओ के भीतर का स्थित कंप्यूटर नेटवर्क होता हैं. राउटर, स्विच और हब्स मिलकर एक मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क का निर्माण करता हैं|

विशेषताये:-

  1. इसका रखरखाव कठिन होता है |
  2. इसकी गति उच्च होती है |
  3. यह 75 कि.मी. की दूरी तक फैला रहता है |

WAN (Wide area Network) :-

इसका पूरा नाम Wide Area Network होता है | यह क्षेत्रफल की द्रष्टि से बड़ा नेटवर्क होता है| यह नेटवर्क केवल एक बिल्डिंग, केवल एक शहर तक सीमित रहता है बल्कि यह पूरे विश्व को जोड़ने का कार्य करता है अर्थात् यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है इसमें डाटा को सुरक्षित भेजा और प्राप्त किया जाता है |
इस नेटवर्क मे कंप्यूटर आपस मे लीज्ड लाइन या स्विच सर्किट के दुवारा जुड़े रहते हैं. इस नेटवर्क की भौगोलिक परिधि बड़ी होती है जैसे पूरा शहर, देश या महादेश मे फैला नेटवर्क का जाल. इन्टरनेट इसका एक अच्छा उदाहरण हैं. बैंको का ATM सुविधा वाईड एरिया नेटवर्क का उदाहरण हैं.

विशेषताये:-

  1. यह तार रहित नेटवर्क होता है|
  2. इसमें डाटा को संकेतो (Signals) या उपग्रह (Sate light) के द्वारा भेजा और प्राप्त किया जा सकता है |
  3. यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है |
इसके द्वारा हम पूरी दुनिया में डाटा ट्रान्सफर कर सकते है |


Types of Protocol (प्रोटोकॉल के प्रकार)

1. TCP – Transmission Control Protocol
2. IP – Internet Protocol
3. SMTP – Simple Mail Transfer Protocol
4. POP – Post Office Protocol
5. SLIP – Serial Linr Internet Protocol
6. PPP – Point To Point Protocol
7. SNMP – Simple Network Management Protocol
8. UDP – User Datagram Protocol
9. HTTP – Hypertext Transfer Protocol
10. FTP – File Transfer Protocol
11. MIME – Multipurpose Internet Mail Extension
12. UUCP – Unix To Unix Copy Protocol
13. X400
14. telnet

TCP/IP: 

इंटरनेट द्वारा प्रयोग किया जाने वाला कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल TCP/IP है यह प्रोटोकॉल दो भागों में विभाजित है पहला भाग TCP- Transmission Control Protocol (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल) है जो इंटरनेट पर डाटा ट्रांसफर करने में प्रयोग किया जाता है यह किसी फाइल या संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में सहायक होता है|

Internet Protocol
 (इंटरनेट प्रोटोकॉल) है यह प्रोटोकॉल प्राप्तकर्ता के कंप्यूटर के address को संभालने के लिए उत्तरदाई होता है ताकि प्रत्येक पैकेट सही रास्ते से भेजा जा सके| यह प्रोटोकॉल इंटरनेट से जुड़े हुए प्रत्येक कंप्यूटर में प्रयोग किया जाता है चाहे वह लेपटॉप हो, पर्सनल कंप्यूटर हो या सुपर कंप्यूटर | यह सभी में समान रुप से लागू होता है और इंटरनेट से जुड़े हुए प्रत्येक नेटवर्क में प्रयोग किया जाता है यहां तक कि यह दो स्वतंत्र कंप्यूटरों को नेटवर्क से जोड़ने में भी प्रयोग में लाया जाता है|

Serial Line Internet Protocol (SLIP)

SLIP का पूरा नाम Serial Line Internet Protocol हैं | यह इंटरनेट प्रोटोकॉल का पुराना रूप है इसे सीरियल पोर्ट और मॉडेम कनेक्शनों के कार्य के लिए विकसित किया गया है इसे संक्षेप में स्लिप कहा जाता है यह वास्तव में पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल का ही दूसरा रूप है परंतु इसका प्रयोग अब बहुत कम किया जाता है क्योंकि यह डेटा ट्रांसमिशन में होने वाली गलतियों का पता नहीं लगा पाता है|

File Transfer Protocol (FTP)

इसका पूरा नाम File Transfer Protocol है यह प्रोटोकॉल Files को एक system से दूसरे System पर copy करने के लिये प्रयोग किया जाता हैं यह प्रोटोकाल data रूपांतरण directory की सूची तथा अन् विकल् प्रदान करता हैं। FTP दो Connection स्थापित करता हैं ये Connection TCP Protocol की मदद से स्थापित किये जाते है पहला Connection क्लाइंट तथा सर्वर के बीच में Command तथा उसका Response देने के लिये किया जाता हैं और दूसरा Connection data को transfer करने के लिये किया जाता हैं FTP Protocol binary तथा Text files का आदान-प्रदान करता हैं।

Hypertext Transfer Protocol (HTTP)

यह इन्टरनेट में प्रयोग होने वाला सबसे महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल हैं यह एक एप्लीकेशन प्रोटोकॉल हैं जिसका प्रयोग Web Browser की एड्रेस बार में WWW के पहले किया जाता हैं यह प्रोटोकॉल यूज़र द्वारा Address bar में डाले जाने वाले वेबसाइट के एड्रेस तक पहुचाने का कार्य करता हैं |

Telnet

यह एक ऐसा प्रोटोकॉल हैं जो Internet पर कार्य कर रहें user को दूर स्थित Computer सें जोड़ता हैं। इसके द्वारा हम दूर स्थित कंप्यूटर में login कर सकते हैं और उस कंप्यूटर पार आसानी से कार्य कर सकते हैं |

Trivial File Transfer Protocol (TFTP)

यह FTP की तुलना में एक साधारण प्राटोकॉल है जो एक System से दूसरे System में file को transfer करता हैं। इसकी एक मात्र विशेषता यह है कि इसके अंदर किसी Client Process Server Process के बीच files को प्राप् करने भेजने की योग्यता हैं।

Unix to Unix Protocol (U.U.C.P.)

  • U.U.C.P. का पूर्ण रूप यूनिक् टू यूनिक् कॉपी (Unix-to-Unix Copy) हैं। यह एक यूनिक् प्रोग्राम (Utility) है जो यूनिक् के सिस्टम के मध् संचार को व्यवस्थित करता हैं। दो यूनिक्स कंप्यूटर के मध्य डाटा Transfer करने के लिए UUCP प्रोटोकॉल का प्रयोग किया जाता हैं UUCP अपने संस्करण Honey Bar UUCP तथा Taylor UUCP के नाम से जाना जाता हैं। यह- यह प्रोटोकॉल दो होस् के मध् फाइल ट्रांसफर करता हैं।
  • यह प्रोटोकॉल -मेल तथा यूजनेट ग्रुप के लिए संचार प्रोटोकॉल प्रदान करता हैं।
  • यह प्रोटोकॉल संचार डिवाइसेज का नियंत्रण करता हैं।
  • यू.यू.सी.पी. पैकेज के व्यवस्था के लिए यूटिलिटिज (Utilities) का एक संकलन प्रदान करता हैं। 

E-mail में प्रयोग होने वाले प्रोटोकॉल

ईमेल प्रोटोकॉल का प्रयोग मेल करते समय किया जाता हैं मेल करते समय कई प्रोटोकॉल प्रयोग किये जाते हैं अर्थात User -मेल भेजने के लिए अलग-अलग प्रकार के संदेश प्रणाली (Messaging System) का प्रयोग करता हैं, जो दो अलग-अलग पद्धति का प्रयोग करने के फलस्वरूप संदेश का संचार करने में कठिनाई उत्पन् करते हैं। इस प्रकार की समस्याओं के कारण उत्पन् होने वाली कठिनाइयों का निदान करने के लिए अलग अलग नियमों को बनाया गया इस समान पद्धति वाले निर्देशों के समूह को प्रोटोकॉल (Protocols) कहते हैं। प्राटोकॉल् जो इलेक्ट्रॉनिक मेल (email) में प्रयोग होते  हैं, निम् हैं-

Simple Mail Transfer Protocol (SMTP)

इसका पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol हैं। यह प्रोटोकॉल दो Systems के बीच में Mails आदान-प्रदान के लिये Use में लाया जाता हैं। वास्तव में यह Protocol TCP Connection का use करते हुये दो System के बीच में mail का आदान-प्रदान करता हैं।
सिस्टम में ईमेल सुविधा को क्रियांवित करने के लिए यह प्रोटोकॉल प्रयोग किया जाता है इस प्रोटोकॉल की सहायता से ही मेल एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक पहुंचते हैं इस प्रोटोकॉल का प्रयोग एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को मेल ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है|

Post Office Protocol (POP)

यह प्रोटोकॉल Client Server मॉडल पर आधारित होता हैं वास्तव में इस प्रोटोकॉल का प्रयोग E-Mail को Download तथा Update करने में किया जाता हैं। इस प्रोटोकॉल के द्वारा Client, Server से E-Mail प्राप् करता हैं।

x.400

इस प्रोटोकॉल का प्रयोग ईमेल कनेक्टिविटी के लिए किया जाता है इसका प्रयोग मुख्य रूप से वाइनरी फाइल ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है|

Multipurpose Internet Mail Extensions (MIME)

इस प्रोटोकॉल का प्रयोग मल्टीमीडिया फाइल ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है ईमेल के माध्यम से जो भी मल्टीमीडिया डाटा भेजा जाता है वह MIME के द्वारा भेजा जाता हैं |
MIME का पूर्ण रूप बहुउद्देशीय इन्टरनेट मेल विस्तारक (Multipurpose Internet Mail Extensions) हैं माइम (MIME) ऐसा प्रोटोकॉल है जो असमान अक्षर समूहों (character sets) वाले भाषाओं में टैक्स् का विनिमय (interchange) करता हैं साथ ही कई भिन्न कम्प्यूटर प्रणालियों के मध् मल्टीमीडिया -मेल को भी स्थानांतरित (Interchange) करता हैं। माइम प्रयोक्ता को निम्नलिखित सुविधाओं के साथ -मेल संदेशों को बनाये तथा पढ़ने की सुविधा प्रदान करता हैं-
एस-की के अतिरिक् अरबी (Arabic), कन्जी (Kanji), के अक्षर-समूह (Character Sets),
विशेष चिन्हों पर आधारित समृद्ध टैक्स् जैसे गणित
ग्राफिक् इमेज
ऑडियो फाइल तथा ध्वनि (Sound)


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