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हर माली जानता है कि बीज बोने से पहले जमीन को जितनी अच्छी तरह से तैयार किया जाएगा, बीज उतने ही अच्छे उगेंगे। जिस तरह जमीन पौधे के लिए होती है, उसी तरह आपके मस्तिष्क में सपने का बीज प्रत्यारोपित होता है। सपने के बीज को स्वीकार करने के लिए आपका मस्तिष्क जितनी अच्छी तरह से तैयार होगा, आपके सपने की जड़ें उतनी ही अच्छी तरह जमेंगी। सपने के लिए तैयार मस्तिष्क उसे स्वीकार कर साकार रूप देने के लिए सतत प्रयत्नशील रहता है
    आपको अपने मस्तिष्क की शक्ति पर भरोसा होना चाहिए। आपका मस्तिष्क जहां आप अपने सपने को बोते और पालते हैं, अनूठा है। पूरी सृष्टि में ऐसा कोई नहीं है जो आपकी तरह दिखता, बोलता, चलता और सोचता हो। आप इस बात पर खुश हो सकते हैं।
                  अनूठे होने का अर्थ यह है कि जिस सपने को आप हकीकत में बदलना चाहते हैं, उसके लिए आपके पास मस्तिष्क के रूप में बेहतरीन स्वप्न-मशीन है। कुछ लोग कहते हैं कि काश! मैं अपने बॉस, फलां अमीर या सफल आदमी अथवा सत्ता में उच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति जैसा होता। जो लोग ऐसा सोचते या कहते हैं, वे खुद को दिए गए सबसे महान उपहार को नजरअंदाज करते हैं। यह महान उपहार है आपका अनूठापन।
            यह हो सकता है कि आप उच्च पद पर बैठे किसी शख्स के साथ अपना पद बदलना चाहें, लेकिन निश्चित रूप से अपनी जिंदगी की अदला-बदली नहीं करना चाहेंगे। अपने जीवन को पसंद करना एक अच्छी बात है। बस अपनी मस्तिष्क रूपी स्वप्न मशीन के जरिए सपने को साकार करते हुए जीवन को उन्नति की राह पर ले जाएं।
                     यदि आपके मस्तिष्क पर हताशा, हार और निराशा की गंदगी जमा है, तो उसे पॉजिटिव मेंटल एटीट्यूड यानी सकारात्मक मानसिक नजरिए के द्रव से साफ करें। जिस तरह भोजन करने से पहले हम अपने हाथ धोते हैं, उसी तरह किसी सपने पर काम करने से पहले मस्तिष्क प्रक्षालन की प्रक्रिया जरूरी है। अपने सपने की जड़ों को मजबूत करने के लिए आपको उन नकारात्मक यादों को धोकर साफ कर देना चाहिए, जो आपको पीछे धकेलती हैं।

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