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और भी हैं राहें
हैकिंग का नाम सुनते ही जहन में कंप्यूटर हैक करने वालों की नकारात्मक छवि सामने आती है। लेकिन एथिकल हैकिंग के रूप में इसका सकारात्मक आयाम भी है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि एथिकल (नैतिक) हैकर का काम काफी अर्थप्रद और चुनौतीपूर्ण है। अगर आप भी इस दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं, तो किसी प्रतिष्ठित संस्थान से ही इसका कोर्स करें। इंटरनेशनल डाटा कॉर्प (आईडीसी) द्वारा किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि इस क्षेत्र में फिलहाल विश्वव्यापी स्तर पर तकरीबन ६क्,000 दक्ष पेशेवरों की दरकार है।

क्या है यह
सुरक्षा तो यूं भी महत्वपूर्ण पहलू है लेकिन जब दुनियाभर में मौजूद नेटवर्क की सुरक्षा की बात आती है, तो इस क्षेत्र में काम करने के बहुत से विकल्प बनते हैं। हैकिंग से साबका पड़ने वाले कई युवा, भले ही उनका वास्ता नकारात्मक ढंग से पड़ा हो, अब इस कॅरियर की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इस क्षेत्र में काम देते वक्त कंपनियां आपकी योग्यता को बखूबी परखती हैं। बस यह ध्यान रखना है कि आपके कांट्रैक्ट की शर्ते ठीक हों।

सुरक्षा की आवश्यकता
आज के समय में सुरक्षा बहुत बड़ा मुद्दा हो गई है। यह बात साइबर स्पेस पर भी लागू होती है। नेटीजंस (नेट की दुनिया में रहने वाले) के तौर पर हमारा वास्ता साइबर स्पेस से जुड़े कई तरह के विकल्पों से पड़ता है। इसमें ई-कॉमर्स, कोलेबरेटिव कंप्यूटिंग, ई-मेल इत्यादि शामिल हैं।

कहां है जरूरत
एथिकल हैकर्स की जरूरत सरकारी संस्थानों, निजी व सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और सामान्य नागरिकों को भी होती है। उपरोक्त सभी लोगों को खतरा होता है कि कोई हैकर उनका वेब सर्वर क्रेक कर लेगा, उनके लोगो को पोर्नोग्राफी से बदल देगा, व्यक्तिगत ई-मेल पढ़ेगा, ऑनलाइन शॉपिंग साइट से क्रेडिट कार्ड का नंबर चुरा लेगा या फिर किसी सॉफ्टवेयर के जरिए कंपनी की गोपनीय बातें इंटरनेट पर जारी कर देगा। इससे बचने के लिए वे एथिकल हैकर्स की मदद लेते हैं।

खतरा
हैकिंग अगर नकारात्मक रूप से प्रयोग की जाए तो चंद मिनटों में एक बार के अनुचित हस्तक्षेप से ये किसी कंपनी को लाखों डॉलर का नुकसान पहुंचा सकती है। नेट पर आश्रित कई लोगों को हैकर्स से बड़ा खतरा है। पिछले कुछ वर्षो में हैकिंग या इससे जुड़ी समस्याओं में जबरदस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। ऐसा होने पर ई-मेल एकाउंट हैक होने, आवश्यक डाटा चोरी होने, एड्रेस बुक कॉपी होने, वायरस, पासवर्ड अटैक, स्पूफ्ड मैसेज और अभद्र ई-मेल मिलने की स्थिति बन सकती है। एथिकल हैकर्स इंटरनेट से जुड़ी इन समस्याओं के लिए कड़ा सुरक्षाचक्र तैयार करते हैं।

महत्ता
एथिकल हैकर्स को व्हाइट हैट भी कहते हैं। ये एक तरह से अनुमति प्राप्त कर कंप्यूटर सिस्टम को मजबूत किए जाने के लिए एंटी हैकिंग तकनीक या इसका तोड़ विकसित करते हैं। ये कंप्यूटर क्रिमिनल्स के कदमों को पहले भांपकर उनके अटैक करने से पहले ही सुरक्षाकवच तैयार कर लेते हैं। मशहूर कंप्यूटर सिक्युरिटी विशेषज्ञ अंकित फाड़िया अपनी किताब में लिखते हैं, ‘कंप्यूटर हैकर्स मोटे तौर पर सेंधमार को पकड़ने के लिए उसी के अनुसार सोचने की प्रणाली पर कार्य करते हैं। इसी तरह हैकर्स से एक कदम आगे बढ़ते हुए सिस्टम की सुरक्षा की जा सकती है।’

योग्यता
एथिकल हैकर बनने के लिए कंप्यूटर-सैवी और नए-नए गैजेट्स का शौकीन होना महत्वपूर्ण है। आपको कंप्यूटर, इंटरनेट की दुनिया और नेटवर्किग व प्रोग्रामिंग की मूलभूत जानकारी होनी चाहिए। एथिकल हैकिंग व साइबर क्राइम की दुनिया से भी खुद को अपडेट रखना इसके लिए जरूरी है।

पारिश्रमिक
भारत में एथिकल हैकर्स का पारिश्रमिक 3-4.5 लाख रुपए प्रतिवर्ष का हो सकता है। जबकि विदेशी कंपनियों के लिए कार्य कर रहे लोगों की वार्षिक आय का आंकड़ा 27-32 लाख रुपए तक हो सकता है।

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