लंदन। वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा लिया है कि क्यों मानव मस्तिष्क का बायां हिस्सा शरीर के दाएं हिस्से को और दायां हिस्सा बाएं हिस्से को कंट्रोल करता है? वैज्ञानिकों को इस रहस्य के बारे में उस समय पता चला जब वे ‘मिरर मूवमैंट’ डिसऑर्डर पर अध्ययन कर रहे थे।
मिरर मूवमैंट डिसऑर्डर ने शोधकर्ताओं को उस समय आश्चर्यचकित कर दिया जब उन्होंने देखा कि दिमाग का एक हिस्सा शरीर के एक ही हिस्से से संपर्क साध रहा है। कैनेडा के मॉन्ट्रियाल वश्वविद्यालय के न्यूरोलॉजिस्ट गाई रॉल्यू ने कहा, ‘हमें ऐसा लगता है कि दिमाग हमारे शरीर के दोनों हिस्सों को जोड़ता है लेकिन ऐसा नहीं है।
यह अपने विपरीत तरफ के हिस्से को ही कंट्रोल कर पाता है।’ एम एम (मिरर मूवमैंट) डिसऑर्डर के आनुवांशिक आधार को समझने के लिए रॉल्यू और उनके सहयोगियों ने एक कनाडाई परिवार की कई पीढ़ियों के उन सदस्यों के जीनों का अध्ययन किया जिनके मिरर मूवमैंट समान थे। शोध में यह बात सामने आई कि जिन्हें एम एम डिसऑर्डर थे उनके जीन कुछ अलग थे, जिसे डीसीसी कहते हैं।
शोधकर्ताओं ने जब इस डीसीसी जीन को एक ईरानी परिवार के सदस्यों से मिलाया तो उनके डीसीसी जीन कैनेडाई परिवार से अलग निकले, लेकिन वे भी एम एम डिसऑर्डर से पीड़ित थे। शोधकर्ताआंे ने डीसीसी जीन को उन लोगों के भी जीन से मिला कर देखा, जिन्हें मिरर मूवमैंट डिऑर्डर नहीं था, लेकिन नतीजा अलग निकला।
अंत में शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि शरीर के मध्य हिस्से में कोएक्स तंत्रिका कोशिकाओं के विकास के लिए डीसीसी प्रोटीन की आवश्यकता होती है, इसलिए बायां दिमाग शरीर के दाएं हिस्से को और दायां बाएं हिस्से को कंट्रोल करता है। इसके अलावा जिन लोगों में डीसीसी काम करता है उनमें कुछ तंत्रिका कोशिकाएं दिमाग द्वारा भेजे गए मैसेज को पूरे शरीर में भेजता है।